राजनीति तो उनके लिये है जिनके लिये कुछ और नहीं । जो मूर्ति नहीं बना सकते, जो चित्र नहीं रंग सकते, जो गीत नहीं गा सकते, जो कुछ भी नहीं कर सकते, उन सब अयोग्यों के लिये राजनीति है । आखिर अयोग्यों के लिये भी तो कुछ होना चाहिए । जिनमें और कोई योग्यता नहीं है उनमें राजनीति की योग्यता होती है । राजनीति के लिये बुद्धि नहीं चाहिए । क्योंकि बुद्धिमान आदमी इतनी बेईमानी नहीं कर सकता, कुछ तो सोचेगा, बुद्धिमान आदमी इतने धोखे नहीं दे सकता । कुछ तो विचारेगा, बुद्धिमान आदमी इतने झूठ नहीं बोल सकता, आखिर खुद की आत्मा कचोटेगी । और राजनीति तो सिर्फ झूठे आश्वासन हैं । सिर्फ झूठ पर झूठ । अत्यंत सोई हुई चेतना चाहिए राजनीति में सफल होने के लिये । ©OSHO
जो कुछ भी नहीं कर सकते, उन सब अयोग्यों के लिये राजनीति है !
I consider myself a student of the Universe and a citizen of the COSMOS.