नित्यानंद गायेनको कवितासंग्रह
"तुम्हारा कवि" भित्र को एक सुन्दरतम कविता-
मैं एक यायावर हूँ
ठहराव नहीं
राह चाहिए
फिर भी कभी भूल से
यदि पहुँच जाऊँ तुम्हारे शहर
तो मांग कर देखना कुछ
दे जाऊँगा सब कुछ ।
केवल मुझसे
कभी न माँगना
मेरा अकेलापन
मेरी उदासी
दे न सकूँगा ।